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Friday, 10 February 2023
जैसे कबीर ने शायद कभी कहा होगा _
वह जहाँ भी रहें खुश रहें , आबाद रहें
अपना तो क्या है _ आपके क़दमों में रहें
तो आबाद क्या, बरबाद रहें,
सब एक ही है!
गुरु चरणों में नत मस्तक प्रणाम !
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