Sunday, 8 October 2023



                 





                                 rahta hoon tere galiyon mein, ik nazar ke sadke baitha hoon

kabhi toh mehaerbaan honge tum, kabhi toh haath thamoge.

                girebaan hain mera maila, nazar bhi meri dhundhali hai

bahut dekha zamane ko, bahut khoya bahut paaya

        bigdi bante dekhi meri, phir samaj paaya

ki kuch bhi ho jaaye ab, yeh dar kahan chhod jaana hai.


Friday, 10 February 2023




तेरे कूचे में रहने को घर जो मिला 
यह कर्म था तेरा मुझपर
अब इस सुकूने शान को छोड़कर चला जाऊँ 
वह  फरेब मुझ में नहीं 
न ही तेरे कर्म को नाकारा कर दूँ 
यह जिल्लत मैं न उठाऊँगा. 
सच कहूं जो खुशी  मुझे यहाँ  मिलती  है 
वह दुनिया के सारे  ग़मों  से बढ़कर है !

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जैसे कबीर ने शायद कभी कहा होगा _
वह जहाँ भी रहें खुश रहें , आबाद रहें 
अपना तो क्या है _ आपके क़दमों में रहें 
तो आबाद क्या, बरबाद रहें,
सब एक ही है!


गुरु चरणों में नत मस्तक प्रणाम !


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